रविवार का दिन भारतीय हॉकी फैंस के लिए बेहद ही निराशाजनक रहा। भारतीय हॉकी टीम का 48 साल बाद फिर एक बार वर्ल्ड कप जीतने का सपना अधूरा रह गया।
हॉकी विश्वकप में रविवार को क्रॉसओवर मुकाबले में भारत का सामना न्यूजीलैंड से हुआ। भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में खेले गए इस मैच के फुल टाइम तक दोनों टीमों का स्कोर 3-3 की बराबरी पर रहा। लेकिन पेनल्टी शूटआउट में न्यूजीलैंड ने भारत को 5-4 से हरा दिया। इसी हार के साथ टीम इंडिया हॉकी वर्ल्ड कप से बाहर हो गई।
आइए जानते है उन कारणों के बारे में जिसने भारत के हार में अहम भूमिका निभाई…
बढ़त बरकरार रखने में नाकाम रही इंडिया
न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाला यह मैच भारत के लिए करो या मरो वाला मुकाबला था।
भारत ने इस मैच आक्रामक शुरुआत करने के बाद मैच मे लय बरकरार नहीं रख पाया। यह वजह रही कि पहले हाफ में भारत ने 2-0 की बढ़त लेने के बाद भी इसे बरकरार नहीं रख पाया। न्यूजीलैंड ने मिले मौको का फायदा उठाकर अपना आक्रमण तेज किया और मैच अपने मुट्ठी में कर लिया।
दबाव में बिखर गया भारत
तीसरे क्वार्टर का जब खेल समाप्त हुआ तो भारत 3-2 से आगे था। लेकिन जैसे ही चौथा क्वार्टर शुरू हुआ टीम इंडिया पर लगातार दवाब बनता ही गया। 49वें मिनट में न्यूजीलैंड के सीन फिंडले ने तीसरा गोल कर टीम को बराबरी पर ला दिया। इसके बाद टीम इंडिया गोल करने के लिए तरसती रही लेकिन न्यूजीलैंड की मजबूत डिफेंस के आगे उसकी एक न चली। इस तरह तय समय में दोनों टीमें 3-3 की बराबरी पर रहीं।
कमजोर रही भारत की डिफेंस
चौथे क्वार्टर में टीम इंडिया की डिफेंस कमजोर नजर आई। भारतीय टीम अपना बेहतर बचाव नहीं कर सकी, अंतिम समय में न्यूजीलैंड ने हमला तेज किया, जिससे भारतीय डिफेंस बिखरता नजर आया। 49वें मिनट में न्यूजीलैंड के सीन फिंडले ने तीसरा गोल कर टीम को बराबरी पर ला दिया। इस तरह मैच मात्र 11 मिनट में पूरी तरह बदल गया, जहां जीत इंडिया की मानी जा रही थी वहां मैच बराबरी पर छूटा।
मौके भुनाने में नाकाम रहा भारत
न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम पेनल्टी कॉर्नर भुनाने में नाकाम रही। भारत को 22 से 24 मिनट के दौरान चार पेनल्टी कॉर्नर मिली। लेकिन भारतीय खिलाड़ी हर बार गोल करने में नाकाम रहे। भारतीय टीम के लचर प्रदर्शन का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पूरे मैच में भारत को 10 पेनल्टी कॉर्नर मिले, इसके बावजूद भी तय समय बराबरी पर खत्म हुआ।
पेनल्टी शूटआउट में धरी रह गई काबिलियत
भारतीय खिलाड़ियों को पेनल्टी शूटआउट में गोल करने में माहिर माना जाता है। लेकिन न्यूज़ीलैंड के खिलाफ खेले गए मुकाबले में पेनल्टी शूटआउट के दौरान टीम इंडिया की गोल करने काबिलियत धरी रह गई। पेनल्टी शूट आउट में भारत की तरफ से हरमनप्रीत सिंह, राजकुमार पाल और सुखजीत सिंह ने गोल दागे। जबकि अभिषेक और शमशेर सिंह गोल करने से चूक गए। इस तरह पेनल्टी शूट आउट मे भारत की काबिलियत धरी रह गई और टीम इंडिया को 4-5 से हार का सामना करना पड़ा।