मैनपुरी उपचुनाव: यादवों और शाक्यों के बीच फंसी मैनपुरी की चुनावी लड़ाई

Share This Post

समाजवादी पार्टी के संस्थापक तथा पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, यादवों के मसीहा स्व. श्री मुलायम सिंह यादव जी के मृत्यु के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट पर एक बार फिर से चुनाव होने वाला है। मैनपुरी की सीट समाजवादी पार्टी की गढ़ के रूप में जानी जाती है। जिस प्रकार सूर्य का पूर्व दिशा से उगना तय होता है, उसी प्रकार समाजवादी पार्टी का इस सीट से जीतना तय होता है।

इस गढ़ को भेदने के लिए भारतीय जनता पार्टी शाक्य समाज के नेता रघुराज सिंह शाक्य को चुना है, जो भगवा गमछा धारण करके चेतक समान भाजपा रूपी घोड़े पर बैठकर अपने समर्थकों के साथ मैदान पर उतर चुके है। शाक्य को रोकने के लिए माउण्ट एवरेस्ट समान दृढ और विशाल मैनपुरी किला का पहरेदारी का जिम्मा स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी और पूर्व सांसद डिम्पल यादव समाजवादी रथ पर विद्यमान है, जिसके सारथी स्वयं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव है।।

 

चाचा शिवपाल सिंह यादव भी निभाएंगे अहम रोल

डिम्पल सिंह यादव को जिताने के लिये सम्पूर्ण समाजवादी सेना तैयार खड़ी है। इस सेना के सर्वश्रेष्ठ सेनापति शिवपाल सिंह यादव के रूप में एक अनुभवी और विवेकशील व्यक्ति का डिंपल सिंह को सम्पूर्ण समर्थन है।

अखिलेश यादव ने चाचा को स्टार प्रचारक के रूप में भी नियुक्त किया है।

 

शाक्य नेता रघुराज सिंह शाक्य भी नहीं है कम

उत्तर प्रदेश में चुनाव हो और बात जाति पर आकर न रुके ये असम्भव है। मैनपुरी में जहां 4.25 लाख वोटर यादव हैं तो वही 3.25 लाख वोटर शाक्य भी है। इसी का लाभ उठाने हेतु भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रघुराज सिंह शाक्य को उम्मीदवार घोषित किया है। रघुराज सिंह शाक्य प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के करीबी भी थे परंतु अब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा से जुड़ गये है। शाक्य इससे पहले इटावा से दो बार सांसद भी रह चुके हैं।

 

ओमप्रकाश राजभर समर्थित तथा छः अन्य उम्मीदवारों का नामांकन खारिज

ओमप्रकाश राजभर समर्थित प्रत्याशी का नामांकन खारिज हो गया तथा इनके अतरिक्त छ: अन्य उम्मीदवार क्रमश: रमाकान्त कश्यप, महेश शर्मा, राजकुमार, सुनील मिश्र, कपिन्जाल तथा उर्मिला देवी का नामांकन भी खारिज हो गया है।।

 

किसके सिर सजेगा ताज

5 दिसंबर को होने वाले चुनाव को फतह करने के लिए समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों अपना भरपूर प्रयास कर रही है। ये देखना काफी दिलचस्प होने वाला है की आखिरकार 8 दिसंबर को मैनपुरी सीट को जीतकर कौन ले जाएगा।